हमारे समाज में प्राचीन समय से ही अनेक प्रथाएं प्रचलित रही हैं। इनमें से कुछ प्रथाएं समाज के अच्छे के लिए थी लेकिन कुछ प्रथाएं ऐसी भी रही जो आगे जाकर एक बहुत ही भयानक कुप्रथा बन गई और इनको प्रथाओं का खामियाजा अधिकतर महिलाओं को ही भुगतना पड़ा। मेरी एक कहानी एक ऐसे ही कुप्रथा पर आधारित है। जिसका नाम है देवदासी ( DEVDASHI STORY ) ।
देवदासी प्रथा क्या होती है?? इसके बारे में हम विस्तार से मेरी कहानी में जानेंगे।

यह कहानी शुरू होती है एक बहुत ही निर्दई और क्रूर इंसान के साथ। जिसकी नजर में औरत की कोई कीमत नहीं है। शहर से काफी दूर एक सुनसान जंगल में बड़ा सा फार्महाउस बना था। यह फार्म हाउस देखने में ही काफी आलीशान लग रहा था। इसके चारों तरफ गाईस पहरा दे रहे थे। जिससे कि कोई अंदर ना जा सके। वह जंगल पूरी तरह से अंधेरे में डूबा हुआ था और वह फार्महाउस भी। बस उसका फार्महाऊस के अंदर ही हल्की रोशनी थी। उस फार्म हाउस में कई बड़े-बड़े कमरे थे। उसी में से एक कमरे के बीचों बीच एक लड़की बैठी हुई थी । वह जोर जोर से रोए जा रही थी। उसका दिल किसी अनहोनी के डर से बैठा जा रहा था। वह लड़की उस कमरे से और फॉर्महाउस से भागने की कई बार कोशिश कर चुकी थी।

लेकिन वह गार्ड उसे हर बार पकड़ कर उस कमरे में छोड़ जाते थे। वह लड़की बहुत रो रही थी। वो मन ही मन यह दुआ कर रही थी कि उसके साथ आज कुछ गलत ना हो। तभी उस कमरे का दरवाजा खुलता है और एक अधेड़ उम्र का आदमी उस कमरे में आता है। उसके चेहरे पर एक बहुत ही गंदी हंसी फैली हुई थी। वह उस लड़की को देखकर कहता है..
- “तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे बारे में अखबार में छापने की हां? डर नहीं लगा तुझे अब तू यहां से बचकर नहीं जा पाएगी। तुझे क्या लगा?? तू मेरे बारे में कुछ भी लिखेगी और मैं हाथ पर हाथ रख कर बैठा रहूंगा??” “वैसे एक बात तो है तू दिखने में बहुत ज्यादा खूबसूरत है
कहकर वह आदमी उस लड़की की तरफ बढ़ जाता है। वो आदमी उस लड़की को देखकर कहता है.. क्या नाम है तेरा?? सौम्या !! हां सौम्या नाम है ना तेरा?” “आज के बाद ना तू कहीं नजर आएगी। ना ही तेरा नामा” तुझे मैं इस दुनिया से ऐसे गायब कर दूंगा जैसे तू कभी थी ही नहीं लेकिन उससे पहले मैं अपने इच्छा जरूर पूरी करूंगा।” सौम्या रोते हुए कहती है…. “प्लीजा प्लीज मुझे जाने दो! देखो अगर तुम उस आर्टिकल की वजह से मुझे यहां लेकर आए हो। तो मैं उस आर्टिकल को हटवा दूंगी और तुमसे माफी भी मांग लूंगी। सबके सामने मैं कह दूंगी कि मुझे गलतफहमी हो गई थी। इसलिए मैंने तुम्हारे बारे में सब कुछ छापा प्लीज प्लीज जाने दो मुझे।”

- वो आदमी… “ऐसे कैसे जाने दं?? जो एक बार मेरी दुनिया में आ जाता है। उसकी रिहाई का कोई रास्ता नहीं होता ।”
कहकर वो उस लड़की की तरफ बढ़ जाता है। वह लड़की उससे छूटने की और खुद को बचाने की बहुत कोशिश करती है। लेकिन कामयाब नहीं हो पाती। कुछ समय के बाद वह बेड से उठता है और उस लड़की की तरफ देखता है। उस लड़की की आंखों में अभी आंसू थे और वह एकटक छत को घूरे जा रही थी। तभी वो आदमी ड्रॉअर से अपनी गन निकालता है और उस लड़की को शूट कर देता है। उसे मारने के बाद वह अपने गाईस को उसी बॉडी ठिकाने लगाने के लिए कह देता है। यह सब करके उसे एक सुकून मिलता है और फिर वह जोर-जोर से हंसने लगता है और कहता है…
- “मेरे खिलाफ जाने वाला इस दुनिया में नहीं रह सकता। जो मेरे रास्ते में आएगा। वह जिंदा नहीं बचेगा। जैसे यह लड़की नहीं बची। इसका आर्टिकल पब्लिश होने से पहले ही मैंने इसे इस दुनिया से उठा दिया। अब कोई भी नहीं जान पाएगा कि मैं क्या हूं?? और क्या कर सकता हूं?” और फिर से जोर-जोर से हंसने लग जाता है।
आखिर कौन था यह इंसान?? जिसने उस लड़की को इतनी बेदर्दी से मार दिया था। अब कौन थी वह लड़की जो खुद को उससे बचाने की कोशिश कर रही थी